'सिंगल ही अच्छे थे यार...' कमिटेड लाइफ में इन
10 प्रॉब्लम पर आता है मन में
Tue 07-Jun-2016 04:15:35
आज के दौर में कमिटेड होना यानी कि लव अफेयर में
जीना एक ट्रेंड सा बन गया है। यह जानते हुए
भी कि कमिटेड ठीक उस लड्डू
की तरह है जिसे खाने और न खाने वाले
भी पछताते हैं। हालांकि लाइफ तब और क्रिटिकल
हो जाती है जब आप सिंगल्स के बीच
जी रहे होते और आपको अपने सिंगल लाइफ के
दिन याद आते हैं। सिंगल्स दोस्त भी
आपकी मौज लेते हैं, लेकिन फिर भी
आप कमिटेड लाइफ में आगे बढ़ते जाते हैं। इतना
ही लाइफ को इंज्वाय करने की कोशिश
भी करते हैं। जिससे कमिटेड लाइफ में ये 10
प्रॉब्लम एक तरीके बिल्कुल आदत सी
बन जाती हैं...
झूठ बोलना:
अगर आप ये सोचते हैं कि जब आप सिंगल थे तो झूठ
नहीं बोलते थे लेकिन कमिटेड होने के बाद झूठ बोलने
लगे हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत
नहीं हैं, कमिटेड होने पर झूठ बोलना
नेचुरली है।
फोन जरूरी:
सिंगल लाइफ में आपका फोन कहां पड़ा है कभी
आप फिक्र नहीं करते थ्ो, लेकिन अब तो इसके बगैर
जिदंगी अधूरी सी
लगती है। जब सारी दुनिया
मस्ती मे डूबी होती है तब
आप किसी को फोन पर कनविंस कर रहे होते हैं।
सीरियस लाइफ:
कमिटेड होने के बाद पहले जैसी मौज
मस्ती नही हो पाती है।
कई बार तो आपको न चाहते हुए अपने पार्टनर को खुश करने
के लिए उसकी हां में हां मिलानी
पड़ती हैं। भले ही आप अंदर से
सीरियस न हों।
मेंनटेन रहना:
सिंगल लाइफ में कई दिनों तक मिरर के सामने नहीं
जाते थे, लेकिन अब तो मिरर के अलावा शैम्
पू,जीना एक ट्रेंड सा बन गया है। यह जानते हुए
भी कि कमिटेड ठीक उस लड्डू
की तरह है जिसे खाने और न खाने वाले
भी पछताते हैं। हालांकि लाइफ तब और क्रिटिकल
हो जाती है जब आप सिंगल्स के बीच
जी रहे होते और आपको अपने सिंगल लाइफ के
दिन याद आते हैं। सिंगल्स दोस्त भी
आपकी मौज लेते हैं, लेकिन फिर भी
आप कमिटेड लाइफ में आगे बढ़ते जाते हैं। इतना
ही लाइफ को इंज्वाय करने की कोशिश
भी करते हैं। जिससे कमिटेड लाइफ में ये 10
प्रॉब्लम एक तरीके बिल्कुल आदत सी
बन जाती हैं...
झूठ बोलना:
अगर आप ये सोचते हैं कि जब आप सिंगल थे तो झूठ
नहीं बोलते थे लेकिन कमिटेड होने के बाद झूठ बोलने
लगे हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत
नहीं हैं, कमिटेड होने पर झूठ बोलना
नेचुरली है।
फोन जरूरी:
सिंगल लाइफ में आपका फोन कहां पड़ा है कभी
आप फिक्र नहीं करते थ्ो, लेकिन अब तो इसके बगैर
जिदंगी अधूरी सी
लगती है। जब सारी दुनिया
मस्ती मे डूबी होती है तब
आप किसी को फोन पर कनविंस कर रहे होते हैं।
सीरियस लाइफ:
कमिटेड होने के बाद पहले जैसी मौज
मस्ती नही हो पाती है।
कई बार तो आपको न चाहते हुए अपने पार्टनर को खुश करने
के लिए उसकी हां में हां मिलानी
पड़ती हैं। भले ही आप अंदर से
सीरियस न हों।
मेंनटेन रहना:
सिंगल लाइफ में कई दिनों तक मिरर के सामने नहीं
जाते थे, लेकिन अब तो मिरर के अलावा शैम्
कंडीशनर, फेसवॉश लाइफ का जरूरी पार्ट
बन गए हैं। इनके बिना तो अब घर से निकलना ही
नहीं होता है।
आजादी गायब:
कमिटेड होने के बाद आजादी तो सही
मायने में गायब हो जाती है। हर चीज
में पार्टनर की हां और उसकी
परमीशन जरूरी हो जाती
है। दोस्तों के साथ कितना टाइम स्पेंड करना, कहां जाना है, सब
पूछना पड़ता है।
मोबाइल चार्ज:
कमिटेड होने के बाद कई जिम्मेदारियां आपकी बढ़
जाती हैं। जैसे पार्टनर को पिक करना, ड्रॉप करना,
उसका मोबाइल चार्ज कराना आदि। इसके अलावा उसके अलावा
समय-समय पर हाल-चाल पूछना जरूरी हो जाता
है।
शॉपिंग अहम पार्ट:
शॉपिंग इस लाइफ का एक अहम पार्ट हो जाता है। सिंगल लाइफ
में भले ही आप कभी अपने लिए रूमाल
खरीदने न गए हों, लेकिन इस लाइफ में आपको
मार्केट जाना और घंटो शॉपिंग करना जरूरी हो जाता है।
याददाश्त मजबूत:
भले ही आप कभी काफी
भुलक्कड़ रहे हो लेकिन कमिटेड होने के बाद याददाश्त मजबूत
रखना बेहद जरूरी है। पार्टनर को खुश करने के
लिए सारे स्पेशल मौके जैसे बर्थ डेट, एनिवर्सरी, सब
याद करना होता है।
पसंदीदा चैनल नहीं:
सिंगल होने पर आप रेसिंग, हॉलीवुड, थ्रिलर और
सस्पेंस वाली फिल्में देखते थे, लेकिन अब तो ये
बीते जमाने की बातें हो गई
थीं। कमिटेड होने के बाद पार्टनर के मन के
सीरियल आदि देखने की आदत हो
जाती है।
शौक भूल जाएं:
इस लाइफ में आने के बाद आपको दूसरों के मुताबिक कपड़े
पहनने पड़ते हैं। हालांकि इस दौरान आप
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