open source tanik.what is open spurce technology.



Open Source Taknik _ What is Open Source Technology?

ओपन सोर्स तकनी
ओपन सोर्स मूवमेंट दरअसल एक अवधारणा है जिसमें तकनीकी ज्ञान का स्वतंत्ररूप् से उपयोग सुनिश्चित करने की बात कही गई है। इसे ‘‘फ्री साफ्टवेयर’’ का नाम भी दिया गया है जिसमें यह माना गया है कि समुदाय के लिए जो जानकारी या तकनीक विकसित की जाती है वह व्यवसायिक प्रवृत्तियों से मुक्त होनी चाहिए। इस तकनीक का विस्तार अनुसंधान में क्षेत्र होनी चाहिए जिससे स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और स्वस्थ्य पेयजल की समस्याओं को दूर किया जा सके। यह अवधारणा हाल ही में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दूल कलाम द्वारा एक सम्मेलन के दौरान प्रतिवादित की गई।
ओपन सोर्स का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा के अंतिम उत्पाद का सभी व्यक्तियों तक निःशुल्क उपलब्ध होता। कुछ लोगों की नजरों में यह ओपन सोर्स एक दर्शन है तो कुछ अन्य की नजरो में यह एक दार्शनिक आंदोलन है। ओपन सोर्स की अवधारणा इंटरनेट के विकास के साथ ज्यादा तेजी से फैलने लगी। हालांकि ओपन सोर्स तकनीकी सूचना की साझेदारी की अवधारणा कम्प्यूटर के आगमन से पहले ही प्रचलित थी। लेकिन कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के विकास के इस अवधारणा को नया आयाम दिया। ओपन सोर्स मुख्यरूप् से कम्प्यूटर साफ्टवेयर से संबंधित है जिसका सोर्स कोड सभी के लिए खुला हो। ऐसे साफ्टवेयर को कोड कोई भी व्यक्ति संशोधित कर उसके विकास में योगदान दे सकता है। अर्थात् सोर्स कोड तक सभी व्यक्तियों तक पहुंच सुनिश्चित कर इसे निरंतर संशोधित एवं सबंधित किया जा सकेगी।
ओपन सोर्स के लाभ
ओपेन सोर्स साफ्टवेयर का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे प्रयोग करने या संशोधित करने की हमेशा छूट रहती है। अतः उसका प्रयोग करने की हमेशा या संशोधन करने से किसी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होता है। चूंकि यह सभी के लिए सुलभ हैं अतः कोई भी व्यक्ति बिना किसी व्यय के इसका उपयोग कर सकता है। इससे उसके कार्य या व्यवसाय के योजनागत व्यय में कमी आती है तथा उपभोक्ताओं का कम मूल्य पर ही वस्तुओं और सेवाओं की प्राप्ति होती है। इस साफ्टवेयर को हमेशा संसोधित कर इसे जनोपयोगी बनाए रखा जा सकता है। इससे सूचना प्रौद्योगिकी को जन-जन तक पहुंचाकर इसे नई ऊंचाई प्रदान की जा सकती है। ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा लाभ आप आदमी की समस्याओं को दूर करने में प्राप्त किया सकता है। उल्लेखनीय है कि भारत जैसे विकासशील देशों में शिक्षा, स्वास्थ्य कृषि तथा पेयजल की समस्यां विकराल रूप में साने खड़ी है।

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