Yog ज्यादातर भारतीयों में होती है विटामिन बी12 की कमी, जानिए क्‍या हो सकती है इससे प्रॉब्‍लम

ज्यादातर भारतीयों में होती है विटामिन बी12 की कमी, जानिए क्‍या हो सकती है इससे प्रॉब्‍लम
विटामिन बी12 की लंबे समय तक कमी होने पर एनीमिया, थकान, स्मृति ह्रास, मिजाज बिगड़ना, चिड़चिड़ापन, झुनझुनी या हाथ-पैरों में अकड़न, दृष्टि दोष, मुंह के छालों, कब्ज, दस्त, मस्तिष्क संबंधी बीमारियां और बांझपन जैसी की समस्याएं प्रकट हो सकती हैं.

बी12 की कमी की भरपाई की जा सकती है.

खास बातें
विटामिन हमारे आहार के महत्वपूर्ण घटक हैं.
विटामिन बी12 डीएनए, आरएनए के उत्पादन में भी मदद करता है.
देश का एक बड़ा हिस्सा विटामिन बी12 की कमी से त्रस्त है.
नई दिल्ली: विटामिन हमारे आहार के महत्वपूर्ण घटक हैं और शरीर को ठीक से काम करने के लिए विभिन्न विटामिनों की जरूरत होती है. इनमें विटामिन बी12 का महत्वपूर्ण स्थान है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, भारतीय जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विटामिन बी12 की कमी से त्रस्त है. विटामिन बी12 या कोबालामिन, तंत्रिका ऊतकों के समुचित कार्य, स्वास्थ्य, मस्तिष्क की प्रक्रियाओं और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक आठ विटामिन बी में से एक है. यह डीएनए, आरएनए और न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में भी मदद करता है.

क्‍या हो सकती है इस विटामिन की कमी से प्रॉब्‍लम
इस विटामिन की लंबे समय तक कमी होने पर एनीमिया, थकान, स्मृति ह्रास, मिजाज बिगड़ना, चिड़चिड़ापन, झुनझुनी या हाथ-पैरों में अकड़न, दृष्टि दोष, मुंह के छालों, कब्ज, दस्त, मस्तिष्क संबंधी बीमारियां और बांझपन जैसी की समस्याएं प्रकट हो सकती हैं. हालांकि, बी12 की कमी की भरपाई की जा सकती है.

रक्‍त कोशिकाएं नहीं हो कती हैं विकसित
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि हर मिनट हमारा शरीर लाखों लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है. हालांकि, ये कोशिकाएं विटामिन बी12 के बिना विकसित नहीं हो पातीं, फलस्वरूप अनीमिया की शिकायत हो सकती है. ऐसे शिशुओं में विटामिन बी12 की कमी अक्सर हो जाती है, जो पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर करते हैं और किसी तरह का बाहरी पोषण नहीं लेते

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